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उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ दसलक्षण महापर्व का हुआ समापन

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ दसलक्षण महापर्व 

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ दसलक्षण महापर्व का हुआ समापन

रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649

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कामां डीग जिले के कस्वा कामां के सकल दिगंबर जैन समाज कामा द्वारा कोट ऊपर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित हो रहे दस दिवसीय दसलक्षण महामंडल विधान का समापन अनंत चतुर्दशी पर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ विधिपूर्वक श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर के अनिमेष जैन के निर्देशन में समापन हुआ।
जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन के अनुसार इस अवसर पर सौधर्म इंद्र बनकर शांतिधारा व विधान की मुख्य क्रियाएं करने का सौभाग्य गिरनारी लाल भगवान दास मुकेश जैन कमल जैन परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ब्रह्म अर्थात स्वयं की आत्मा में रमण करना ही उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है। रिंकू जैन ने कहा कि ग्रहस्थ के लिए शील का पालन ही ब्रह्मचर्य है। विधान के दौरान संजय सर्राफ,दीपक जैन ने भी ब्रह्मचर्य पर विस्तृत प्रकाश डाला।
धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने कहा कि अनन्तानुबन्धी कषायों व अनन्त कर्मो की निर्जरा कर अनंत पुण्य का आश्रव करते हैं इसलिये इस दिवस को अनन्त चतुर्दशी कहा जाता है।
*बारहवें तीर्थंकर का निर्वाण कल्याणक* चंपापुरी सिद्ध क्षेत्र से जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुदेव स्वामी के निर्वाण प्राप्ति के उपलक्ष में निर्वाण कल्याणक महोत्सव पर निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। इस अवसर शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में दोपहर को विश्व शांति हेतु वृहद शांतिधारा की गई तो जैन समाज जुलूस के रूप में मुख्य बाजार होते हुए कोट ऊपर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पहुँचे। इस अवसर पर राजस्थान सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया गया जिन्होंने अहिंसा धर्म का पालन करते हुए अनन्त चतुर्दशी पर अंडा,मांस की दुकाने व बूचड़खाने बंद करने का आदेश प्रदान किया।

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